मंगलवार, 30 जून 2009

तीन बन्दर

कल मेरे गांव में कुछ बन्दर आये थे
कुछ ने रंग बिरंगी टोपियां पहन रखी थी,
कुछ ने चमकदार घड़िया,
और कुछ पहने हुए थे
काफी चुस्त पतलून


अपने स्वभाव के विपरीत
वे बहुत शांत दिख रहे थे

मैंने उन तीन ऐतिहासिक बन्दरों को
पहचानने की बहुत कोशिश की,
क्योंकी भविष्यवाणी हुई थी ,
वे तीन बन्दर फिर से अवतार लेंगे


झुंड में एक ऐसा बन्दर भी था,
जो थोड़ा अलग दिख रहा था

पूछ ताछ के बाद पता चला कि यह बन्दर,
गूंगा, बहरा और अन्धा है

पर आश्चर्य की बात,
यह अपाहिज बन्दर उस दल का नेता था


जब मैंने कोशिश की,
इस बन्दर के पास जाने की,
तीन बन्दरो ने मेरा रास्ता रोक लिया


पहले ने दूसरे को इशारा किया
दूसरे ने मेरे दोनों गालो पर
दो जोड़दार थप्पर जड़ दिये

अपना दूसरा गाल बढाने का
मौका तक नहीं दिया

तीसरे ने अपने चमकदार,
दूध की तरह सफ़ेद दांत दिखला दिये

शायद किसी मंहगे टूथपेस्ट से ,
मुंह धोता होगा वह


ये तीन बन्दर,
उस अपाहिज बन्दर के अंगरक्षक थे

और शायद तीन अवतार भी